राजस्थान में यहां भारी बारिश से दर्जनों गांव टापू बने, 500 ग्रामीण फंसे, बुलाई सेना
कोटा बैराज के 16 गेट खोलकर 4 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई है। चंबल नदी में जल स्तर बढ़ने से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा के करीब 80 गांवों से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने सभी अधिकारियों को बाढ़ आशंकित निचले क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखते हुए लोगों एवं पशुओं को तत्काल सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उनके भोजन व अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बांसवाड़ा में 10 घंटे से लगातार बारिश, माही बांध के सभी 16 गेट खोले
बता दें, चंबल में चेतावनी कर स्तर 129.79 मीटर तथा खतरे का निशान 130.79 मीटर पर है। पिछले दिनों चंबल का जलस्तर 136 मीटर से ऊपर चला गया था। तब राजाखेड़ा और सरमथुरा क्षेत्र के कई गांवों का सम्पर्क कट गया था। सोमवार रात चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। शाम को दो घंटे में ही जलस्तर करीब एक मीटर बढ़ गया।
सोमवार शाम छह बजे जलस्तर 125.60 मीटर पर था। दो घंटे बाद रात आठ बजे चंबल का जलस्तर 128.50 मीटर पर पहुंच गया था। जिले में चम्बल किनारे स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। बाढ़ की आशंका को देखते राहत एवं बचाव कार्य के लिए एक अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम तैनात की जाएगी। उन्होंने समस्त उपखंड अधिकारियों तथा विकास अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव कार्य के लिए आवश्यक संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।