आम आदमी को सरकरी अस्पताल में भले ही मेडिकल जांच के लिए पैकेज की कोई सुविधा नहीं मिलती हो, लेकिन राज्य सरकार ने आईएएस और आईपीएस सहित उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के लिए रुटीन मेडिकल जांच अनिवार्य की हुई है। इन अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में पूरी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। सवाईमानसिंह अस्पताल में तो इसके लिए वीआईपी सुविधा भी दी जाती है। केन्द्र और राज्य सरकार की किसी भी सेवा में सरकारी नौकरी जॉइनिंग से पहले भी संबंधित का मेडिकल चैकअप करवाकर उसकी रिपोर्ट जॉइनिंग के साथ ही देनी होती है।
चौंका रहे सडन डेथ के मामले…
जयपुर शहर में कई डॉक्टर और आमजन की आपात मौतों से डॉक्टर भी चिंता में हैं। राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुटाई जानकारी में सामने आया कि कोविड के बाद प्रदेश में दो हजार लोग इसी तरह अचानक जान गंवा चुके हैं। उधर, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.जी.एल. शर्मा ने बताया कि आधुनिकता और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (AI) के तेजी से बढ़ रहे उपयोग के बावजूद कामकाज का समय और तनाव तेजी से बढ़ा है। अब रुटीन मेडिकल चैकअप और ज्यादा जरूरी हो गया है। इससे हम बीमारी की गंभीर होने से रोक सकते हैं।
घटनाएं: हाइपरटेंशन… रक्तचाप… सीने में दर्द
केस: 01बांदीकुई के एक निजी स्कूल में गत 6 जुलाई की सुबह दसवीं कक्षा का छात्र यतेन्द्र उपाध्याय क्लास में जाते समय अचानक गैलरी में बेसुध होकर गिर गया। छात्र को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। उसकी मौत हो गई।
जयपुर शहर के एसएमएस, जेकेलोन सहित निजी अस्पतालों के कई डॉक्टरों की आपात मौत कोविड महामारी के बाद हो चुकी है। ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें वर्जिश के दौरान ही हार्ट अटैक आए।
जेएलएन अस्पताल नागौर के प्रथम श्रेणी नर्स महेन्द्र सोनी की गत वर्षे 23 दिसम्बर को साइलेंट अटैक से मौत हो गई। दोपहर तीन बजे तक ड्यूटी के बाद शाम को सोनी अपने घर पर थे। इस दौरान उनके सीने में हल्का दर्द हुआ था।