घटना के दूसरे दिन जयपुर ग्रेटर निगम ने छात्र-छात्राओं के अचानक बेहोश होने के मामले में उत्कर्ष कोचिंग संस्थान की बिल्डिंग को सील किया था। FSL की टीम ने यहां के सीवरेज से पानी का सैंपल भी लिया था। इस मामले की जांच के लिए ग्रेटर नगर निगम ने 6 अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई थी। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया है कि सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त है। सभी सीवर चेंबर्स और लाइनों की जांच में किसी तरह का ब्लॉकेज या भराव नहीं पाया गया। कोचिंग बिल्डिंग की फायर एनओसी वैध है। सीसीटीवी फुटेज में कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई। इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट या उपकरण फूंकने का कोई प्रमाण नहीं मिला। कक्षा में बच्चों की संख्या ज्यादा होने की वजह से भी गैस जैसी गंध का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
जांच कमेटी ने रिपोर्ट में क्या-क्या कहा?
रिपोर्ट में कहा गया कि गोपालपुरा बाई पास जयपुर स्थित उत्कर्ष कोचिंग के आस-पास एवं सीवर लाईन की जांच के बाद सीवर लाईन सुचारू पायी गई। साथ ही शुरूआती जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया है। निरीक्षण के दौरान मौके पर प्रथम दृष्टया जांच करने पर स्पष्ट रूप से घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया। कहा गया कि घटना कक्ष भवन के द्वितीय तल पर स्थित है जिसके अन्दर एवं आस पास कोई सीवर लाईन की बदबू, इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट, एसी एवं कक्ष में ऐसी कोई सामग्री नहीं पायी गई जो प्रथम दृष्टया घटना का कारण हो। मोके FSL टीम द्वारा घटना की जांच हेतु सैम्पल लिए गए एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा भी मौका निरीक्षण किया गया।
घटना कक्ष दूसरी मंजिल पर है जिसमें सीवर लाईन का कोई विवाद नहीं है। मोके पर कोई गन्ध नहीं पायी गयी। बिल्डिंग के मालिक को फायर NOC जारी है, साथ ही मौके पर भी फायर संयत्र लगे हुए हैं। यह बिल्डिंग जयपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आता है। साथ ही कक्ष में छात्रो की संख्या अधिक होने के कारण सी.सी.टी.वी फुटेज मे कोई वास्तविक कारण पता नही चल पाया।
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