बता दें कि कोचिंग बिल्डिंग सील करने से पहले नगर निगम की टीम करीब 2 घंटे तक अंदर जांच करती रही, बाहर आकर नगर निगम के अधिकारी ने मीडिया से बातचीत की। उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा ने कहा कि संभव है कि कोई अन्य विद्यार्थी ऐसा स्प्रे लेकर आया हो, जिसकी वजह से छात्र बेहोश हुए हों। लेकिन अभी जांच होने तक कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता।
जानकारी के अनुसार रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे क्लास में बैठे छात्रों को अचानक गैस जैसी गंध महसूस हुई। देखते ही देखते क्लास में बैठे छात्र बेहोश होने लगे। 10 से ज्यादा छात्रों के बेहोश होने के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। कोचिंग में दूसरी मंजिल पर क्लास चल रही थी। इस दौरान बेहोश छात्रों को कंधे के जरिए नीचे उतारकर 108 एंबुलेंस को बुलाकर तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 2 छात्रों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें सीके बिरला अस्पताल रेफर कर दिया गया था।
कोई चीज बर्दाश्त नहीं करेंगे- डिप्टी CM
वहीं, उत्कर्ष कोचिंग घटनाक्रम पर सत्ता पक्ष की ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने एक बयान में कहा कि, “ये घटना कल मेरे संज्ञान में आई, वो बच्चे अब स्वस्थ हैं, हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हम कोई चीज बर्दाश्त नहीं करेंगे…जो घटना हुई है उसकी समीक्षा-जांच कर रहे हैं और गलती पाए जाएगी तो कार्रवाई करेंगे।” गौरतलब है कि रविवार को इस घटना के बाद बड़ी संख्या में छात्र मौके पर जमा हो गए थे। उन्होंने उत्कर्ष कोचिंग संस्थान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। छात्र नेता विनोद जाखड़, निर्मल चौधरी, महेश चौधरी व अन्य लोग भी मौके पर कल से ही डटे हुए हैं।
अशोक गहलोत ने की कोचिंग हब शिफ्ट करने की मांग
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों को प्रताप नगर स्थित कोचिंग हब शिफ्ट करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों में ऐसी दुर्घटनाएं कभी भी बड़ा रूप ले सकती हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि कल रात जयपुर में एक कोचिंग संस्थान में हुई दुर्घटना चिंताजनक है। इस दुर्घटना में घायल हुए विद्यार्थियों के जल्द स्वास्थ्यलाभ की कामना करता हूं। कोचिंग संस्थानों में ऐसी दुर्घटनाएं कभी भी बड़ा रूप ले सकती हैं क्योंकि यहां क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है जो उचित नहीं है। हमारी सरकार के समय कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की गईं थीं एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों के स्थान पर अच्छे वातावरण के लिए सोच-समझकर प्रतापनगर में कोचिंग हब बनाया गया था। यह वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि कोचिंग संस्थानों के उचित प्रबंधन के लिए बनाई गाइडलाइंस को लागू करें एवं अविलंब सुनिश्चित करे कि सारे कोचिंग संस्थान पिछली सरकार द्वारा बनाए गए कोचिंग हब में शिफ्ट किए जाएं।