जयपुर

उपचुनावः प्रचार के शोर में गुम जनता का दर्द… अपनी सरकारों के काम व योजना गिनाने पर जोर

राज्य की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रचार ने भले ही जोर पकड़ लिया है, लेकिन स्थानीय मुद्दे गौड़ नजर आ रहे हैं। प्रदेश के दोनों मुख्य दल भाजपा-कांग्रेस अपनी सरकारों के काम और योजनाओं को गिनाने और वादाखिलाफी के आरोप लगाने पर फोकस कर रहे हैं।

जयपुरNov 08, 2024 / 05:39 pm

GAURAV JAIN

– भाजपाः दस माह के काम गिना रही, कांग्रेसः वादाखिलाफी और योजनाओं को बंद करने पर घेर रही
जयपुर. राज्य की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रचार ने भले ही जोर पकड़ लिया है, लेकिन स्थानीय मुद्दे गौड़ नजर आ रहे हैं। प्रदेश के दोनों मुख्य दल भाजपा-कांग्रेस अपनी सरकारों के काम और योजनाओं को गिनाने और वादाखिलाफी के आरोप लगाने पर फोकस कर रहे हैं। भाजपा सरकार अपने काम गिना रही है, तो कांग्रेसी उनकी पिछली सरकार में कराए कामों के साथ ही योजनाओं को बंद करने के आरोप लगा रही है। हालांकि कुछ सीटों पर स्थानीय बड़े मुद्दे यमुना जल, पलायन, बेरोजगारी आदि पर चर्चा की जा रही है, पर ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली, पानी और सड़क के मुद्दे गौण हैं।
विधानसभा सीटों पर कहां किन मुद्दों की गूंज

झुंझुनूं :बिजली-पानी पर फोकस

स्थानीय व राज्यस्तरीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा जा रहा है। यहां यमुना नहर के मुद्दे की बात प्रमुखता से जरूर उठ रही है। भाजपा राज्य सरकार की योजना बता रही है, तो कांग्रेस सरकार की विफलताओं को गिना रही है। गांवों में बिजली और पानी पर ज्यादा फोकस है।
दौसा : जातिगत आधार पर बिछी चुनावी बिसात

जातिगत आधार पर चुनावी बिसात बिछी हुई है। स्थानीय मुद्दे ज्यादा प्रभावी नहीं हैं। भाजपा का फोकस सरकार के दस माह के कामकाज को गिनाने पर, तो कांग्रेस का उनकी पिछली सरकार के समय चल रही योजनाओं को बंद करने पर है। गांवों में बिजली, पानी व सड़कों को लेकर भी मांग रखी जा रही है। प्रचार के लिए डीजे पर डांस, जेसीबी से पुष्पवर्षा और महिलाओं के समूह में लोकगीत गायन का सिलसिला चल रहा है।
चौरासी : स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस

स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस है। रोजगार व पानी के मसले पर बात कर रहे है। यहां के लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गुजरात पलायन करना पड़ रहा है। जातिगत चर्चा में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का मामला उठ रहा है। बढ़ता अपराध भी मुद्दा है।
खींवसर : खान लीज पर दिलाने की पैरवी

स्थानीय मुद्दों में यहां सभी छोटे किसानों को खान लीज पर दिलाने की पैरवी मजबूती से करने का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य मुद्दों की चर्चा कम है। भाजपा डबल इंजन सरकार की बात कर रही है, तो आरएलपी भी डबल इंजन जोड़ने की बात कर रही है। यहां सांसद आरएलपी से हैं। कांग्रेस-भाजपा सरकार में काम नहीं होने और पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने को मुद्दा बनाया जा रहा है।
देवली-उनियारा : अवैध खनन व परिवहन बड़े मद्दे

अवैध बजरी खनन और परिवहन यहां बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क और रोजगार के मुद्दों को लेकर भी चर्चा हो रही है।
सलूम्बर : रोजगार और पलायन की चर्चा

अवैध बजरी और पत्थर खनन के साथ ही बिजली, पानी और चिकित्सा सुविधाओं को लेकर मुद्दों पर चर्चा हो रही है। रोजगार के लिए पलायन भी बड़ा मुद्दा है। भाजपा दिवंगत विधायक और राज्य व केन्द्र सरकार की ओर से कराए कामों को गिना रही है। वहीं, कांग्रेस वादाखिलाफी के आरोप लगा रही है। यहां विश्व प्रसिद्ध जयसमंद झील के भराव और क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराध के मुद्दे भी चर्चा में हैं।
रामगढ़ : पानी मांगे क्षेत्र की जनता

ईआरसीपी योजना से क्षेत्र को पानी दिए जाने का बड़ा मुद्दा है। भाजपा यहां योजना पर काम कर पानी देने का वादा कर रही है। वहीं, कांग्रेस पिछली कांग्रेस सरकार के कामों को गिना रही है। आरओबी का भी मुद्दा चर्चा में हैं। भाजपा-कांग्रेस नेता अपनी-अपनी सरकारों में कराए काम गिना रही है। जातिगत समीकरणों को देखते हुए प्रचार के लिए नेताओं के दौरे तय किए जा रहे हैं।

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