उधर, पड़ताल में सामने आया कि 9 जिलों के समाप्त होने से राज्य को सालाना करीब 9 हजार करोड़ रुपए बचने का अनुमान है। पड़ताल में पता चला कि नए जिलों की समीक्षा में आबादी, जनसंख्या घनत्व और आर्थिक समृद्धि के अवसरों पर प्रमुखता से देखा गया। इसी के आधार पर 9 जिलों को समाप्त किया गया, जबकि 8 जिलों को बरकरार रखा।
उधर, ब्यूरोक्रेट्स के अनुसार जिलों के लिए आर्थिक भार के अलावा प्रशासनिक सुगमता भी देखी जाती है और उसे महत्व भी दिया जाता है। राजस्थान में जो 9 जिले समाप्त किए गए हैं। उनमें से कुछ जगह अतिरिक्त जिला कलक्टर व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोले जा सकते हैं। वहीं कुछ जगह जिला स्तरीय सुविधाएं दी सकती हैं।