दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी पहुंचे थे। यहां जयपुर पहुंचने पर एयरपोर्ट से सीधे वे जेएलएन मार्ग स्थित एमएनआईटी पहुंचे और वहां पर पौधरोपण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एमएनआईटी परिसर में चारों तरफ हरियाली है और यहां वृक्षों का महत्व देखा जा सकता है। उन्होंने स्टूडेंटस की उस पहल का भी स्वागत किया, जिसमें हर स्टूडेंट एक पौधा लगा रहा है और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी पूरे चार साल तक उठा रहा है।
सिंगल यूज और रिसाइकल प्लास्टिक पर चर्चा
साथ ही जावड़ेकर ने एनएनआईटी के प्रोफेसर्स और रिसर्चर्स से सिंगल यूज और रिसाइकल हो सकने वाली प्लास्टिक को लेकर चर्चा की। प्रो. ज्योतिर्मय माथुर ने बताया कि जावड़ेकर ने एक्सपर्ट्स से पूछा कि प्लास्टिक के वेस्ट कलेक्शन के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? ताकि उसे रिसाइकिल किया जा सके। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए भी किए जाने वाले समाधानों पर चर्चा की। इस दौरान जावड़ेकर के साथ जयपुर सांसद रामचरण बोहरा जिला अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता के साथ ही भाजपा नेता और कार्यकर्ता व एमएनआईटी के अधिकारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
साथ ही जावड़ेकर ने एनएनआईटी के प्रोफेसर्स और रिसर्चर्स से सिंगल यूज और रिसाइकल हो सकने वाली प्लास्टिक को लेकर चर्चा की। प्रो. ज्योतिर्मय माथुर ने बताया कि जावड़ेकर ने एक्सपर्ट्स से पूछा कि प्लास्टिक के वेस्ट कलेक्शन के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? ताकि उसे रिसाइकिल किया जा सके। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए भी किए जाने वाले समाधानों पर चर्चा की। इस दौरान जावड़ेकर के साथ जयपुर सांसद रामचरण बोहरा जिला अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता के साथ ही भाजपा नेता और कार्यकर्ता व एमएनआईटी के अधिकारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
देश के वन क्षेत्र में हुई बढ़ोतरी
एमएनआईटी में पौधरोपण के दौरान जावड़ेकर ने कहा कि देश में पर्यावरण को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण देश का वन क्षेत्र 15 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। अब यह कुल क्षेत्रफल का 25 फीसदी हो गया है। साथ ही इस वन क्षेत्र को बढ़ाकर 33 फीसदी करने के प्रयास करने के उन्होंने बात कही।
एमएनआईटी में पौधरोपण के दौरान जावड़ेकर ने कहा कि देश में पर्यावरण को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण देश का वन क्षेत्र 15 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। अब यह कुल क्षेत्रफल का 25 फीसदी हो गया है। साथ ही इस वन क्षेत्र को बढ़ाकर 33 फीसदी करने के प्रयास करने के उन्होंने बात कही।