डॉ बासंदानी ने बताया कि भारत देश में हर साल ब्रेन ट्यूमर के करीब 28 हजार मामले सामने आते है। अधिकांश मामलों में मरीजों की मौत हो जाती है। क्योंकि इन मरीजों को देरी से मालुम चलता है कि वह ब्रेन ट्यूमर की बीमारी से ग्रसित है। ऐसे में इलाज में देरी होने से मौत हो जाती है। लेकिन अगर समय रहते ब्रेन ट्यूमर का मालुम चल जाए तो सफल इलाज संभव है।