कर्मचारियों की चिंता इस बात को लेकर है कि यदि वे घर जाकर दिवाली का पर्व मनाना चाहते हैं, तो उन्हें अगले दिन सुबह 9ः30 बजे तक दफ्तर कैसे पहुंचना होगा। इस परिस्थिति में, कई कर्मचारियों ने पहले से ही अगले दिन का सवैतनिक अवकाश प्राप्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने भी इस समस्या को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को 1 नवंबर का अवकाश घोषित करना चाहिए ताकि कर्मचारी अपने परिवारों के साथ दिवाली का पर्व अच्छे से मना सकें। उन्होंने यह भी बताया कि जिन कर्मचारियों के परिजन अन्य जिलों में रहते हैं, उनकी पीड़ा और बढ़ गई है।
राज्य सरकार के कैलेंडर के अनुसार 31 अक्टूबर को दीपावली का अवकाश है। इसके बाद 1 नवंबर को कोई अवकाश नहीं है, जबकि 2 नवंबर को गोवर्धन और 3 नवंबर को भाई दूज का अवकाश है। इस स्थिति के चलते कर्मचारी संगठनों ने अपनी पीड़ा को मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखा है। उल्लेखनीय है कि इस समस्या से सचिवालय कर्मचारियों को तो छुटकारा मिल गया है। सचिवालय से एक तारीख का अवकाश कार्मिकों के लिए घोषित कर दिया गया है।