उन्होंने शिक्षकों को अभिभावकों से संवाद कर बच्चों के सोशल मीडिया के प्रयोग पर सतर्क निगरानी रखने की बात कही है। देवनानी ने कहा कि ब्लू व्हेल गेम बच्चों को भ्रमित कर खुद को शारीरिक नुकसान पहुंचाने एवं आत्महत्या करने के लिए उकसाता है। इस गेम के कारण बच्चों के हो रहे नुकसान पर ङ्क्षचता जताते हुए उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल, फेसबुक, व्हाटसप, इंस्टाग्राम आदि के अंतर्गत ब्लू व्हेल और उसके जैसे ही किसी भी गेम के लिंक को नहीं खोले। इस तरह के किसी भी गेम के डाउनलोड से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने इस संबंध में बच्चों को भी जागरूक किए जाने पर जोर दिया है।
होगी वर्कशॉप आयोजित
स्कूल प्रबंधन ने साइबर क्राइम के साथ ही सुसाइड गेम से बचाव की वर्कशॉप आयोजित करने की योजना बना ली है। स्कूलों में शिक्षकों को भी इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं कि यदि बच्चे एक-दूसरे से ब्लू व्हेल जैसे सुसाइड गेम पर चर्चा करते दिखें या सचेत हो जाएं तो उनकी काउंसलिंग करें। स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को सतर्क किया है कि वे भी घर पर बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। सीबीएसई ने हाल ही साइबर क्राइम व ब्लू व्हेल के भंवर में फंसे किशोर और मासूमों की जान बचाने को गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें बताया है कि साइबर क्राइम, ब्लू व्हेल और अन्य भ्रामक वेबसाइट के चंगुल से कैसे बचें। कैसे सेफ नेट सर्फिंग की जाए।
टीचर करेंगे अवेयर…
हर स्कूल में क्लब बने हुए हैं। इन क्लब की कमान भी छात्रों के हाथ में हैं। ऐसे में वे बच्चों के अधिक करीब हैं, इसलिए वे छात्रों को जागरूक करेंगे। उन्हें बताएंगे कि वे सतर्क रहकर खुद ही नहीं, दूसरे दोस्तों को सुसाइड गेम के चंगुल से मुक्त करा सकते हैं। साथ ही शिक्षकों को भी बच्चों पर ध्यान रखने की सलाह दी गई है। इस बारे में शिक्षकों को ब्लू व्हेल जैसे गेम के खतरों से अवगत कराया गया है। ब्लू व्हेल गेम को लेकर अभिभावकों को सतर्क करना भी जरूरी है।