जयपुर के किसी भी अस्पताल में मरीज को ब्लड की जरुरत हुई तो वह अस्पताल की पर्ची एप में अपलोड करेगा। इसकी सूचना ब्लड बैंक में भी पहुंचेगी। ब्लड बैंक मरीज को जानकारी देगा कि उसके ग्रुप का ब्लड उपलब्ध है या नहीं। जानकारी मिलने पर मरीज के परिजनल नजदीकी ब्लड बैंक से ब्लड ले सकेंगे। इस प्रक्रिया के लिए मोबाइल एप्लीकेशन और वेब एप्लीकेशन तैयार की गई है। राजापार्क स्थित स्वास्थिक ब्लड बैंक में पहले चरण में ट्रायल शुरू कर दिया है। मरीजों के लिए यह पूरी तरह नि:शुल्क रहेगा।
– अस्पताल में ही ब्लड लेने आएगा कार्मिक
अगर मरीज अकेला है या फिर परिजन ब्लड बैंक नहीं पहुंच सकते तो अस्पताल में भी ब्लड पहुंचाने की सुुविधा भी दी जाएगी। इसके तहत जैसे ही ब्लड बैंक में मरीज की एप्लीकेशन जाएगी। नर्सिंग स्टॉफ मरीज के पास सैंपल लेने आएगा। इतना ही नहीं, सैंपल की जांच के बाद वापस ब्लड बैंक से रक्त मरीज तक पहुंचाया जाएगा।
अगर मरीज अकेला है या फिर परिजन ब्लड बैंक नहीं पहुंच सकते तो अस्पताल में भी ब्लड पहुंचाने की सुुविधा भी दी जाएगी। इसके तहत जैसे ही ब्लड बैंक में मरीज की एप्लीकेशन जाएगी। नर्सिंग स्टॉफ मरीज के पास सैंपल लेने आएगा। इतना ही नहीं, सैंपल की जांच के बाद वापस ब्लड बैंक से रक्त मरीज तक पहुंचाया जाएगा।
इसीलिए शुरू किया स्टार्टअप
प्रोफेसर और ईएचआर लॉजिक के सह-संस्थापक रवि शंकर शर्मा के अनुसार ब्लड बैंक का डिजिटलाइजेशन नहीं है। यह प्रक्रिया आज भी ऑफलाइन है। इसका नुकसान मरीज उठा रहे हैं। ब्लड की कालाबाजरी भी हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह स्टार्टअप शुरू किया है। निदेशक वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्हीं ब्लड बैंक को जोड़ा जा रहा है, जिनके पास ब्लड का स्टोरेज हैं, मरीज को ब्लड लेते समय किसी का भी ब्लड डोनेट नहीं करना पड़ेगा।
प्रोफेसर और ईएचआर लॉजिक के सह-संस्थापक रवि शंकर शर्मा के अनुसार ब्लड बैंक का डिजिटलाइजेशन नहीं है। यह प्रक्रिया आज भी ऑफलाइन है। इसका नुकसान मरीज उठा रहे हैं। ब्लड की कालाबाजरी भी हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह स्टार्टअप शुरू किया है। निदेशक वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्हीं ब्लड बैंक को जोड़ा जा रहा है, जिनके पास ब्लड का स्टोरेज हैं, मरीज को ब्लड लेते समय किसी का भी ब्लड डोनेट नहीं करना पड़ेगा।