चिकित्सा विभाग के सचिव डॉ.पृथ्वी ने बताया कि नीति के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आई बैंक संचालित किए जाएंगे। वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी और गैर सरकारी संगठनों की ओर से एकत्र कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। जिलों में इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे। राज्य सरकार निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहिम चलाएगी। नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, काउंसलर्स एवं नेत्र सहायक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। नीति के तहत अंधता नियंत्रण संबंधी जन-जागरूकता और विभिन्न तकनीकी सुधार गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।