हार्ट हेल्थ
काले चने में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट्स एवं फाइटो न्यूट्रिएंट हेल्दी ब्लड वैसल्स को मेंटेन करने के साथ ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम भी करते हैं। इस तरह हार्ट डिजीज का रिस्क कम हो जाता है। इसमें फोलेट और मैग्नीशियम की मात्रा भी अच्छी होती है, जो आर्टरीज के सिकुडऩे की आशंका को कम करता है, जिससे स्ट्रोक का रिस्क कम होता है।
वजन होगा कम
काला चना बहुत ही अच्छा फाइबर फूड है, जो वजन कम करने में कारगर माना जाता है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील, दोनों तरह के फाइबर होते हैं। फाइबर से पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे लंबे समय तक भूख को कंट्रोल किया जा सकता है। इस तरह आप ओवर ईटिंग की आदत को कम कर सकते हैं और शरीर में से अतिरिक्त चर्बी भी कम हो जाएगी। इसलिए मोटापा कम करने के लिए फाइबर फूड का सेवन करें।
आयरन से भरपूर
काले चने में आयरन की मात्रा अच्छी होती है। इस वजह से एनीमिया की आशंका को कम करके एनर्जी लेवल बूस्ट करने का काम करता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इसका विशेष रूप से सेवन करना चाहिए। दरअसल, आयरन हीमोग्लोबिन के फार्मेशन का काम करता है।
वेजिटेरियन प्रोटीन
शाकाहारी लोग प्रोटीन डाइट के रूप में भी काले चने का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, इसमें प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है। १०० ग्राम काले चने से आप २०.४७ ग्राम प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं नॉन डेयरी प्रोडक्ट से प्रोटीन के अलावा कैलोरी और सेचुरेटेड फैट भी अधिक मात्रा में मिलता है।
कैंसररोधी गुण
काले चने में पाया जाने वाला फाइबर कोलन कैंसर का खतरा कम करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट्स भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा यदि किडनी और ब्लैडर स्टोन की समस्या है तो भी काले चने का सेवन करना लाभकारी होगा। रातभर चने को पानी में भिगो दें और सुबह इसमें शहद मिलाकर खा लें। इससे लाभ मिलेगा।
महिलाओं के लिए लाभकारी
काला चना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट बहुत अच्छे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर, ऑस्टिओपोरोसिस और पोस्ट मिनोपॉजल सिंड्रोम को कम करने का काम करते हैं। गर्भावस्था में काले चने का सेवन मिलने से मां एंव गर्भस्थ शिशु, दोनों के ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।