आंकड़ों को आधार बनाते हुए राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर वैट 26 % व डीजल पर 18 % था, जिसके बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के शासन में 5 जुलाई 2019 को पेट्रोल-डीजल पर 4 %, 21 मार्च 2020 को पेट्रोल-डीजल पर 4 %, 15 अप्रेल 2020 को पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 2 व 1 % और 7 मई 2020 को पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 2 व 1 % वैट की बढ़ोतरी की गई । यानि कांग्रेस सरकार ने अब तक कुल मिलाकर 4 बार वैट की दरों में बढ़ोतरी कर जनता की कमर तोड़ने का काम किया है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि वैट में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करने के बाद सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल राजस्थान में बिक रहा है। इसके लिए गहलोत सरकार केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। राजस्थान में पहली बार है जब वैट की वजह से पेट्रोल की कीमतों ने शतक का आंकड़ा छू लिया है और डीजल भी शतक पार करने के बिल्कुल निकट है।