scriptजातिगत समीकरण में उलझा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद, ये नेता चल रहे दौड़ में आगे | BJP state president in rajasthan news vasudev devnani satish poonia | Patrika News
जयपुर

जातिगत समीकरण में उलझा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद, ये नेता चल रहे दौड़ में आगे

तय नहीं कर पा रहे प्रदेश अध्यक्ष का नाम-संगठन चुनाव तक टलती दिख रही नियुक्ति

जयपुरSep 03, 2019 / 10:26 pm

pushpendra shekhawat

rajasthan bjp

जातिगत समीकरण में उलझा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद, ये नेता चल रहे दौड़ में आगे

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जातिगत समीकरण में उलझ कर रह गई है। इसके चलते अब तक नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो पाया है। ऐसे में संगठन चुनाव तक यह नियुक्ति टलती दिख रही है। फिलहाल राज्यसभा सदस्य नारायण पंचारिया, विधायक सतीश पूनिया, वासुदेव देवनानी और मदन दिलावर प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। इन नेताओं के लिए अपने—अपने खेमे के बडे नेता लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं। अब चित्तौडगढ सांसद सी पी जोशी के लिए भी दिल्ली में लॉबिंग शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय स्तर के एक नेता ने इनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की सिफारिश की है।
मदनलाल सैनी के निधन के बाद भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाने का मामला लगातार लंबा खिचता चला जा रहा है। आने वाले कुछ महीनों में प्रदेश में स्थानीय निकाय, पंचायत के साथ कुछ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव होने हैं। इन चुनावों में फायदा उठाने के लिए भाजपा जातिगत समीकरण बिठाने के फेर में उलझ गई। केन्द्रीय संगठन और आरएसएस का दबाव दलित या किसी जाट नेता को अध्यक्ष बनाने का बना हुआ है। जबकि प्रदेश के नेता किसी ब्राह्मण को बनाने के इच्छुक है।
-ऐसे बिठा रहे जातिगत समीकरण पार्टी की नजर प्रदेश की बड़ी जातियों पर है। वैश्य समाज और राजपूत समाज से दो-दो नेताओं को पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दे रखी है। जबकि दलित और जाट जाति को भी सत्ता में बड़ी भागीदारी मिली हुई है। ऐसे में ब्राह्मण वर्ग ही ऐसा है, जिसके किसी नेता को केन्द्र और प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं दे रखी है। यही वजह है कि प्रदेश के नेता ब्राह्मण वर्ग के नेता की वकालत कर रहे हैं।
-एक धड़ा बंद करना चाहता है जातिवाद को बढ़ावा देनापार्टी में एक धड़ा ऐसा भी है, जो प्रदेश अध्यक्ष जैसे पद को जातिवाद से बचाने की पैरवी कर रहा है। यह धड़ा चाहता है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर जाति विशेष के नेता की बजाय किसी कर्मठ कार्यकर्ता को आसीन करना चाहिए। इससे संगठन को मजबूती मिलेगी।
-लॉबिंग भी जोरों परपार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए छह से ज्यादा नेता अपनी लॉबिंग में लगे हुए हैं। इनमें संघ से जुड़े नेता ज्यादा हैं। एक की सिफारिश होती है तो दूसरा नेता सक्रिय हो जाता है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए इस तरह से लॉबिंग से भी पार्टी परेशान है।

Hindi News / Jaipur / जातिगत समीकरण में उलझा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद, ये नेता चल रहे दौड़ में आगे

ट्रेंडिंग वीडियो