केन्द्रीय नेतृत्व कृषि मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर चुनाव में उतरना चाहता था। शेखावत के नाम पर पार्टी में एकाएक गुटबाजी हो गई, जिससे निपटने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने मदनलाल सैनी को अध्यक्ष बनाकर बीच का रास्ता निकाला। इससे राजपूतों में तो नाराजगी के स्वर उठे ही, पार्टी भी दो धड़ों में बंटती नजर आई। इससे चिंतित केन्द्रीय नेतृत्व ने अब शेखावत को संयोजक बनाकर स्थिति सामान्य करने की कोशिश की है।
विस चुनाव की रणनीति बनाने का काम समिति करेगी। आने वाले नाम इसी समिति के समक्ष रखे जाएंगे। यह समिति उनका विधानसभावार पैनल तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजेगी।
अमित शाह और वसुंधरा राजे के नजदीकियों को भी चुनाव समिति में जगह मिली है। केबिनेट मंत्री गुलाबचंद कटारिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोटे से समिति में आए हैं। गजेन्द्र सिंह केन्द्रीय नेतृत्व सहित संघ के भी नजदीक हैं।
गजेन्द्र सिंह शेखावत रवांडा के दौरे पर हैं। उन्होंने पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो दायित्व दिया है, उसे प्राण-प्रण से निर्वहन करूंगा। विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए ऊर्जा का एक-एक बिंदु लगाकर काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2019 में फिर से पीएम बनाएंगे।