पार्टी सूत्रों के अनुसार 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अलग-अलग संभागों में दूसरे राज्यों के भाजपा के संगठन महामंत्रियों को संगठन संभालने की जिम्मेदारी दी थी और यह रणनीति काम भी आई थी। इस रणनीति के तहत इन संगठन महामंत्रियों का पूरा फोकस चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के साथ-साथ हर उस राजनीतिक स्थिति पर नजर रखने का होता है, जिससे पार्टी का नुकसान हो या फिर फायदा हो। नाराज नेताओं को मनाने से लेकर संगठन के पदाधिकारियों के कामकाज पर नजर रखने का काम ये संगठन महामंत्री करेंगे।
पार्टी ऐसा कर उन कमजोर सीटों पर भी अपना प्रदर्शन अच्छा करना चाहती है, जहां संगठन कमजोर या गुटबाजी ज्यादा हो। सूत्रों के अनुसार मोटे तौर पर अभी बड़े संभागों में संगठन महामंत्रियों को लगाने पर विचार चल रहा है। पहले चरण में दो से तीन संगठन महामंत्रियों को जिम्मेदारी मिल सकती है। जुलाई अंत तक या फिर अगस्त में ये संगठन महामंत्री राजस्थान आकर काम शुरू कर देंगे।
इसलिए महत्वपूर्ण है राजस्थान कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद अब इस साल पांच राज्यों में चुनाव हैं। इनमें राजस्थान भी शामिल है। इन चुनावों के तुरन्त बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैंं। राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। ऐसे में विधानसभा चुनावों में जीत पार्टी लोकसभा चुनावों में भी राजस्थान में मजबूत स्थिति चाहती है। इसलिए यह संगठन महामंत्री लगाए जा रहे हैं, जो पार्टी को मजबूती देने का काम कर सके।