प्रदेश की दो सीटों पर उप चुनाव में हार के बाद भाजपा ने एक दर्जन जिलाध्यक्ष और गुटबाजी में लिप्त निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। संगठन स्तर पर चर्चा शुरू हो चुकी है और दिसंबर तक पार्टी में बदलाव की बयार देखने को मिलेगी।
बताया जा रहा है कि पार्टी को लगातार कई जिलों से जिलाध्यक्षों की गलत क्रियाकलापों की जानकारी मिल रही है। जिलाध्यक्षों के गलत रवैये के कारण पार्टी इन जिलों में कमजोर भी हो रही है, जिसके चलते भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ इन जिलाध्यक्षों को हटाने को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। जल्द ही इन जिलाध्यक्षों को बदला जाएगा। वहीं निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने के संबंध में पूनियां पहले ही बयान दे चुके हैं। यही नहीं कई पदाधिकारियों की भूमिका भी सही नहीं मिली है। ऐसे में पार्टी योग्य लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में पद देकर नवाजेगी।
प्रभारी भी बदले जा सकते हैं पार्टी कई जिलों में संगठनात्मक प्रभारी बदलने का भी काम करेगी। खासकर जिन जगहों पर पार्टी को पंचायत, जिला परिषद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इन चुनाव में संगठनात्मक प्रभारियों की भूमिका सही नहीं मिली है। इस वजह से पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी को बूथ लेवल तक मजबूत करेगी। धौलपुर, अलवर, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों में बदलाव को लेकर पार्टी गंभीर नजर आ रही है।