पार्टी सूत्रों की मानें तो बदलाव उन मंडलों में किया गया है जहो विस्तारक, संगठन प्रभारी और संबंधित जिला अध्यक्ष ने निष्क्रियता को लेकर रिपोर्ट दी थी। कुछ जगहों पर मंडल अध्यक्षों की मौत भी हो गई थी। पार्टी चाहती है कि इस साल के मध्य तक संगठन की शेष नियुक्त्यिों के साथ निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर कर दिया जाए ताकि चुनाव की तैयारियों को लेकर पूरा समय मिल सके। इसी वजह से प्रभारी विस्तारक व जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी मंडल अध्यक्षों को बदल रही है।
51 मंडल भी बढ़ाए सशक्त मंडल अभियान के जरिए भाजपा बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इस वजह से मंडलों की संख्या को भी बढ़ाया गया है। यह संख्या परिसीमन के जरिए नहीं बल्कि कामकाज की सक्रियता के आधार पर बढ़ाए गए हैं। राजस्थान भाजपा में पूर्व में 1067 मंडल हुआ करते थे, लेकिन हाल ही में संगठन संरचना में बदलाव करते हुए उन मंडलों को विभक्त कर नए मंडल बनाए गए हैं। भाजपा में अब 1118 मंडल काम कर रहे हैं।
जारी रहेगी बदलाव की बयार भाजपा के सशक्त मंडल अभियान के दौरान भले ही मंडल में सक्रियता को आधार मानकर बदलाव किया जा रहा है। मंडल के बाद जिला और मोर्चों में भी इसी प्रकार सक्रियता को आधार मानते हुए बदलाव किए जाएंगे। यह काम अप्रेल बाद शुरू होने की आसार हैं।