भाजपा मुख्यालय के बाहर मंगलवार को एक बार फिर तनातनी देखने को मिली। महंगाई के खिलाफ कांग्रेस सेवादल की रैली के दौरान भाजपा मुख्यालय के बाहर नारेबाजी को लेकर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस को चेताया कि भाजपा मुख्यालय के बाहर से रैली और प्रदर्शन की आखिर अनुमति क्यों दी जा रही है ? कार्यकर्ताओं ने साफ किया कि यह गलत परंपरा है और इसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। अगर भविष्य में फिर इस तरह का हंगामा हुआ तो हम पुलिस का भी विरोध करेंगे।
दरअसल महंगाई के खिलाफ कांग्रेस सेवादल की रैली भाजपा मुख्यालय के बाहर से निकली तो कार्यकर्ताओं ने वहां रुककर नारेबाजी की। हालांकि पुलिस ने बेरिकेडिंग करके पहले ही रास्ता रोक दिया था। जैसे ही रैली वहां से निकली तो भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और पुलिस से उनकी तनातनी हो गई। इस दौरान एसपी एडिशनल डीसीपी रैंक के अधिकारी भी मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय के बाहर मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग लगाए जाने का भी विरोध किया और बैरिकेडिंग गिरा दी। इसके बाद एडिशनल एसपी अवनीश शर्मा से भी उनका विवाद हो गया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन पिलानिया और युवा मोर्चा नेता विक्रम शेखावत ने कहा कि रैली—प्रदर्शन के दौरान भाजपा मुख्यालय के बाहर इस तरह का विरोध—प्रदर्शन सही नहीं है। पुलिस मूकदर्शक की तरह खड़ी रहती है और कोई भी हंगाम करके चला जाता है। यह हमारे लिए मंदिर है। अगर आइंदा इस तरह विरोध—प्रदर्शन हुआ तो पुलिस का भी विरोध किया जाएगा।
पिछले दिनों में कई बार हुआ हंगामा पिछले दिनों भाजपा मुख्यालय के बाहर एनएसयूआई के प्रदर्शन के दौरान भी भाजयुमो कार्यकर्ता और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। जाट नेता शीशराम ओला पर बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया की विवादित टिप्पणी मामले में भी जाट महासभा के युवकों ने भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर पुतला फूंका था। तब भी भाजपा कार्यकर्ता और जाट समाज के प्रदर्शनकारी आमने-सामने हुए थे। अब कांग्रेस सेवा दल की रैली के दौरान भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला।