सूत्रों के मुताबिक पार्टी उनको टिकट तो देने को तैयार है लेकिन कहां से, इसको लेकर अभी उच्च स्तर पर विचार चल रहा है। दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका से खुलकर बातचीत की। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
प्र. आप विधायक थीं और पार्टी ने आपका काम भी संतोषजनक माना लेकिन आपने चुनाव नहीं लड़ा, क्यों? उ. देखिए इसके कई कारण थे। कुछ निजी कारण भी थे। इसलिए चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया। मैंने भले ही चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन पार्टी की कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हूं। पार्टी, कार्यकर्ता और जनता के लिए हमेशा मौजूद थी और अब भी हूं।
प्र. आप सांसद का टिकट मांग रही हैं? बड़े नेताओं से क्या बात हुई? उ. हां, यह सही है कि मैं टिकट मांग रही हूं और यदि पार्टी मुझे इस लायक समझती है तो वह टिकट दे। मैं पार्टी के लिए काम करती रही हूं और करती रहूंगी। पार्टी के नेताओं से मिलना पहले से ही जारी है। इसमें कुछ नया नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलना-जुलना लगा रहता है।
प्र. आपने कहां से टिकट मांगा है और क्यों? उ. पार्टी मुझे टिकट देगी तो मैं पूरी मेहनत से पार्टी के लिए काम करूंगी। मैं जयपुर की बेटी हूं और सारा कामकाज भी जयपुर में ही है। परिवार भी यहीं है और सामाजिक कामकाज भी यहीं है। इसलिए जयपुर से दावेदारी है।
प्र. यदि आपको जयपुर शहर से टिकट नहीं मिलता तो क्या आप किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ेंगी? उ. मेरी प्राथमिकता जयपुर शहर लोकसभा ही है, बाकी पार्टी जो भी आदेश देगी। प्र. यदि पार्टी ने किसी कारणवश टिकट नहीं दिया तो क्या आप कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगी? चर्चा है कि कांग्रेस नेता भी आपसे सम्पर्क कर रहे हैं?
उ. देखिए इस सवाल पर जवाब देना जल्दबाजी होगी। अभी इसे समय पर छोड़ देना चाहिए। वैसे मेरे पिताजी के राजीव गांधीजी से बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। गहलोतजी एवं पायलटजी से भी अच्छे सम्बन्ध हैं लेकिन मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं और पार्टी के लिए काम करती रहूंगी। आगे भी पार्टी कोई जिम्मेदारी देगी तो पूरी तरह निभाऊंगी। वर्तमान में प्रदेश मंत्री का दायित्व निभा रही हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के सानिध्य में काम कर रहे हैं। अपनी माताजी और वसुंधरा राजेजी को अपना आदर्श मानती हूं।
प्र. राम मंदिर से जयपुर के पूर्व राजघराने का क्या रिश्ता है? उ. हां यह सही है। हम भगवान राम के ही वंशज हैं और हमारा सीधा जुड़ाव राम जन्मभूमि से है। हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म संरक्षण के अनेक कार्य किए हैं। सवाई जयसिंहजी ने हिन्दू धर्म को जागृत रखने के लिए कई कार्य किए। उन्होंने सवाई जयसिंहपुरा के नाम से कई क्षेत्र बसाए, जिसे आज राम जन्मभूमि बताया जाता है। उस क्षेत्र का भी नाम जयसिंहपुरा ही था। अयोध्या राम जन्मभूमि के बहुत से दस्तावेज हमारे पोथीखाने में मौजूद हैं। जयपुर का पूर्व राजपरिवार 14 कौमों को साथ लेकर चलता है।