दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने का स्वागत किया। शाहनवाज हुसैन ने मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान पर निशाना साधते हुए कहा है कि “कांग्रेस अपने घर को नहीं संभाल पा रही है। पार्टी के युवा नेताओं का कांग्रेस में अपमान हो रहा है। उन्हें कांग्रेस में कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।”
इस दौरान शाहनवाज ने राजस्थान कांग्रेस में भी असंतोष होने की तरफ इशारा किया। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से कहा, “राजस्थान में सचिन पायलट के साथ वही व्यवहार हो रहा है, जो मध्य प्रदेश में कमलनाथ और कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किया।”
सियासी घमासन पर गहलोत ने कही ये बात इस मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने को लेकर ट्वीट के माध्यम से बड़ा बयान दिया, उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों के विश्वास के साथ-साथ विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है।
जानिए राजस्थान सरकार का गणित
मध्य प्रदेश में आए सियासी तूफान ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है। सत्ता हाथ से फिसलती नजर आ रही है और कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़ चुके हैं। पूरे देश की निगाहें एमपी पर गड़ी हुई हैं। ऐसे राजस्थान को लेकर भी कयासों का दौर तेज हो गया है। लेकिन वर्तमान हालातों में राजस्थान में कोई सियासी संकट नजर नहीं आ रहा है।
दो सौ विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में कांग्रेस के पास 100 विधायक हैं। इसके अलावा बीएसपी के 6 और लोकदल के विधायक के कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के पास 107 विधायक हो गए हैं। 13 में से 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ और एक बीजेपी के साथ है। बीजेपी के पास अपनी 72 सीटें हैं। ऐसे में सीटों के गणित से हिसाब से कांग्रेस सरकार पर दूर-दूर तक कोई संकट नजर नहीं आ रहा है।