बैठक में स्वायत्त शासन मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने सीएम को बताया कि उनसे कई जनप्रतिनिधि मिले हैं, जिन्होंने पालिका को वापस ग्राम पंचायत में तब्दील करने की जरूरत जताई है। आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे मामले ज्यादा हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पंचायतों को नगर पालिका बनाते समय न तो स्टाफ और संसाधनों की जरूरत की समीक्षा की और न ही वहां की आवश्यकता की। कई पंचायतों के पालिका बनने के बाद वहां नरेगा में काम नहीं करा पाने की स्थिति बन गई है।
यह भी पढ़ें
राजस्थान के इस जिले में 40 बांधों में नहीं एक बूंद भी पानी, मेहरबान नहीं हुआ मानसून तो आ सकती है आफत
बोले-जांच करोप्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर शिकायतों पर चर्चा हुई तो सीएम ने ऐसे मामलों की जांच के लिए कहा है। गंभीर शिकायतों की जांच जल्द शुरू होगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में चले इसे अभियान को लेकर भाजपा सरकार के पास अनियमितताओं की कई शिकायत पहुंची हैं।