1-सुनील शर्मा-जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र
ये कांग्रेस के पुराने नेता हैं। ये विधानसभा चुनाव 2023 में हवामहल सीट से विधायक का टिकट मांग रहे थे। लेकिन इनके स्थान पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आरआर तिवारी को टिकट दिया था। वहीं सुनील शर्मा ने लोकसभा चुनाव में भी टिकट की दावेदारी की थी। इस बार पार्टी में गणित ऐसी बैठी कि इन्हें जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र से टिकट से नवाजा गया है। पिछली बार कांग्रेस ने ज्योति खंडेलवाल को टिकट दिया था। लेकिन वे विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो गई थी। इस सीट से भाजपा ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है।
2-लुम्बाराम चौधरी-जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र
-इन्हें भाजपा ने जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर देवजी एम पटेल पिछले तीन चुनाव भाजपा के टिकट से ही जीत रहे थे। लेकिन इस बार देवजी पटेल को विधानसभा का चुनाव लड़ाया था। लेकिन वे निर्दलीय प्रत्याशी से हार ही नहीं गए बल्कि अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। इस कारण देवजी पटेल का टिकट काट दिया। लुम्बाराम चौधरी विधानसभा चुनाव 2023 में सिरोही विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। लेकिन ओटाराम देवासी को भाजपा ने टिकट दिया था। इस बार इन्हें भाजपा ने पहली बार लोकसभा का टिकट दिया है। ये वर्तमान में जिला परिषद सदस्य हैं। इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी वैभव गहलोत हैं। ये पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। इस कारण यह सीट पूरे राजस्थान में हॉट सीट बनी हुई है।
3-संगीता बेनीवाल-पाली लोकसभा क्षेत्र
संगीता बेनीवाल पहली बार लोकसभा का चुनाव लडेंगी। ये मूलत: जोधपुर की रहने वाली है। एक बार नगर निगम में पार्षद रही हैं। इन्हें कांग्रेस ने पाली लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था। इन्होंने भी विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 में जोधपुर से टिकट मांगा था। लेकिन इन्हें नहीं मिल पाया। ये पिछले लम्बे से पाली लोकसभा क्षेत्र से दावेदारी जता रही थी। ये अशेाक गहलोत गुट से मानी जाती रही है। ये वर्तमान में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष हैं। इस सीट पर भाजपा ने तीसरी बार लगातार पीपी चौधरी को मैदान में उतारा है। दो बार के सांसद का मुकाबला पहली बार मैदान में उतरी बेनीवाल से होगा।