उन्होंने बताया कि वारदात के समय घर पर विदित अकेला ही था। पूछताछ में विदित ने तीन लोगों द्वारा घर पर आकर एसीबी का कार्ड दिखाकर सर्च करना बताया। जबकि उनके घर के आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई, तब दो ही लोग फाइनेंसर दीपक के घर आए और रुपए रखी अटैची लेकर वापस लौट गए। संदेह होने पर विदित से पूछताछ की गई, तब उसने वारदात करना कबूल लिया। मामले में रुपए ले जाने वाले दो लोगों के अलावा षडय़ंत्र में शामिल विदित के एक दोस्त की भी तलाश है।
पूछताछ में आरोपी विदित ने बताया कि वह बिटकॉइन में रुपए लगाने और शेयर का काम भी करता है। उसे काफी नुकसान हो गया था। ऑनलाइन गेम खेलने में भी काफी रुपए हार गया। माता-पिता के नाम से लोन भी ले रखा था और दोस्तों से भी कर्जा कर लिया था। उसे पता था कि घर में रखी अटैची में रुपए रखे हैं। तब वारदात में तीनों परिचितों को शामिल किया। रकम में से सबको 50-50 प्रतिशत का हिस्सा लेना तय हुआ। फरार तीनों आरोपी साथी जयपुर निवासी ही हैं।
विदित दुबई की टिकट बुक करवाने वाला था डीसीपी अभिजीत सिंह ने बताया कि आरोपी ने दुबई घूमने के लिए टिकट बुक करवाने के लिए इंटरनेट पर काफी सर्च कर रखी थी। वारदात के बाद वह दुबई घूमने जाने की फिराक में था। घटना वाले दिन रुपए ले जाने वाले आरोपी शाम छह बजे तक विदित से फोन पर संपर्क करने की कोशिश करते रहे। लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण विदित ने साथियों से बात नहीं की।
एसीबी की लगातार कार्रवाई देखते हुए रची साजिश पूछताछ में विदित ने बताया कि इन दिनों लगातार अखबार में एसीबी की कार्रवाई के बारे में खबरें प्रकाशित हो रही हैं। भ्रष्टाचारियों के पकड़े जाने पर उनके घर सर्च की खबरें भी आती रहती हैं। तब घर से रुपए उड़ाने के लिए एसीबी द्वारा सर्च करने की साजिश रची। इसके लिए इंटरनेट से एसीबी का लोगो भी स्कैन किया। फिर एक नोट बनाया और उस पर नोटो की जब्ती लिखी। जब्ती वाले कागज की फोटो लेकर असली कागज साथियों को ही देकर भेज दिया था।