बांध का जलस्तर 315 आरएल मीटर होने के साथ अधिकारियों ने बांध गेट खोलने की तैयारियों कर दी है। सम्भावना है कि देर रात तक पानी की निकासी के लिए बीसलपुर बांध गेट खोल सकते है। इसको लेकर आसपास के गांवों के लिए अलर्ट किया गया जारी। प्रशासन ने बनास नदी के बहाव क्षेत्र में आने वाले गांवों में आवागमन न करने की अपील की है।
एक्सइएन मनीष बंसल ने बताया कि पानी की आवक को देखते हुए गेट खोलने की तैयारियों की समीक्षा की गई है। अधिकारी भी बांध का निरीक्षण कर चुके है। त्रिवेणी व अन्य सहायक नदियों से पानी की आवक को देखते हुए गेट खोलने का निर्णय किया जाएगा। हालाकि निरंतर पानी की आवक बनी हुई है।
बनने के बाद से अब तक केवल पांच बार छलका Bisalpur Dam, बांध के डूब क्षेत्र में आते हैं 68 गांव
पांच बार छलका बांध
बांध बनने के बाद पहली बार 2001 में 311आरएल मीटर का भराव हुआ। वहीं 2004, 2006, 2014, 2016 व 2019 में पूर्ण जलभराव 315.50 आरएल मीटर होने के बाद बनास नदी में पानी की निकासी करनी पड़ी है। वहीं 2010 में बांध बनने के बाद सबसे कम गेज 298.67 आरएल मीटर दर्ज किया गया है, जिससे बांध पूर्ण रूप से सूखने के कगार पर पहुंच गया था।
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पांच जिलों से आता है पानी
बीसलपुर बांध में पानी की आवक राजसमंद, चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा, अजमेर व टोंक जिले से होती है, जिसे कैचमेंट एरिया माना गया है। बांध परियोजना के अभियंताओं के अनुसार बांध में पानी की मुख्य आवक चित्तौडगढ़ व भीलवाड़ा जिलों से होना माना जाता है, जिसमें बनास नदी मुख्य आवक का स्रोत है। वहीं खारी व डाई नदियां भी पानी के भराव में सहायक है। बनास नदी में बीसलपुर बांध से पूर्व मातृकुंडिया, गोवटा, कोठारी, जैतपुरा मुख्य बांध है।