अब तक 4 बार खोले जा चुके हैं गेट
आपको बता दें कि बीसलपुर बांध के अब तक चार बार गेट चुके हैं। बीसलपुर बांध परियोजना के अधीक्षण अभियंता विरेन्द्र सागर ने बताया कि पहली बार बीसलपुर बांध के गेट वर्ष 2004 में खुले थे। इसके बाद वर्ष 2010, 2014 तथा वर्ष 2016 में बीसलपुर बांध के गेट खोले गए थे। पानी की आवक और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अब फिर से बीसलपुर बांध के गेट खुलने की संभावनाएं बन रही है।2 साल तक की जा सकती है जलापूर्ति ( Bisalpur Dam Water Capacity )
बीसलपुर बांध पूर्णभराव की ओर है। ऐसे में जलापूर्ति तथा सिंचाई के लिए पानी मिल जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जो भी पानी अभी आ चुका है। इससे दो साल तक जलापूर्ति की जा सकती है। वहीं सिंचाई के पानी को लेकर किसानों के चेहरे भी खिले हुए हैं। बीसलपुर बांध से टोंक, जयपुर व अजमेर समेत कई शहरों व कस्बों में जलापूर्ति होती है।बांध में हैं कुल 18 गेट, डूब क्षेत्र में आते हैं 68 गांव ( Bisalpur Dam Capacity )
मालूम हो कि बांध की मुख्य दीवार पर कुल 18 गेट बने हैं। प्रत्येक गेट की लम्बाई 15 मीटर व ऊंचाई 14 मीटर है। बांध के कुल जलभराव में 21 हजार 800 हैक्टेयर भूमि जलमग्न होती है। कुल 68 गांव डूब क्षेत्र में आते हैं। इसमें 25 गांव पूर्णरूप से व 43 गांव आंशिक रूप से डूब में आतेे हैं। इनकी सिर्फ भूमि ही जलमग्न होती है। बांध के पूर्ण जलभराव होने से टोंक जिले की दायीं व बांयी मुख्य नहरों से होने वाली सिंचाई को लेकर भी किसानों में खुशी है।