गौरतलब है कि बीसलपुर बांध से जयपुर समेत, टोंक, अजमेर शहर को रोजाना करोड़ों लीटर जलापूर्ति होती है। पेयजल का प्रमुख स्त्रोत होने पर तीनों शहरों में जलापूर्ति के लिए बांध पर ही निर्भरता रहती है। शुक्रवार सुबह बांध का गेज कुलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर दर्ज होते ही बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर बटन दबाकर बांध के दो गेट खोले। वहीं त्रिवेणी में पानी का बहाव तेज होने पर दोपहर तक बांध के दो और गेट खोलने पड़े।
बांध पर सुबह की स्थिति
बीसलपुर बांध के आज सुबह गेट संख्या 8,9,10,11 और 12 तीन तीन मीटर उंचाई तक खोलकर कुल 96 हजार क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम रिवर में छोड़ा जा रहा है। बांध में पानी की स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण पानी की निकासी की जा रही है हालांकि बांध का गेज 315.50 आरएल मीटर मेंटेन किया गया है।
बीसलपुर बांध के आज सुबह गेट संख्या 8,9,10,11 और 12 तीन तीन मीटर उंचाई तक खोलकर कुल 96 हजार क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम रिवर में छोड़ा जा रहा है। बांध में पानी की स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण पानी की निकासी की जा रही है हालांकि बांध का गेज 315.50 आरएल मीटर मेंटेन किया गया है।
पर्यटकों की उमड़ी भीड़
बीसलपुर बांध के छलकने की खबर से पर्यटन स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। आसपास के शहरों और गाँवों से लोग बांध को देखने आ रहे हैं और इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले रहे हैं। बांध के आसपास के क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों की दुकानों में भी सामान्य दिनों की अपेक्षा ग्राहकों की चहल पहल बढ़ गई है।
बीसलपुर बांध के छलकने की खबर से पर्यटन स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। आसपास के शहरों और गाँवों से लोग बांध को देखने आ रहे हैं और इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले रहे हैं। बांध के आसपास के क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों की दुकानों में भी सामान्य दिनों की अपेक्षा ग्राहकों की चहल पहल बढ़ गई है।
मानसून की मेहरबानी
इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में अपना भरपूर असर दिखाया है। पिछले कुछ वर्षों में जहां बांधों का पानी सूखने की कगार पर था। वहीं इस साल भरपूर बारिश के कारण बांध छलक रहे हैं। बीसलपुर समेत प्रदेश के कई अन्य बांध छलकने से प्रदेश की जलापूर्ति और कृषि दोनों के लिए यह साल बेहद फायदेमंद साबित होगा।
इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में अपना भरपूर असर दिखाया है। पिछले कुछ वर्षों में जहां बांधों का पानी सूखने की कगार पर था। वहीं इस साल भरपूर बारिश के कारण बांध छलक रहे हैं। बीसलपुर समेत प्रदेश के कई अन्य बांध छलकने से प्रदेश की जलापूर्ति और कृषि दोनों के लिए यह साल बेहद फायदेमंद साबित होगा।