आपको बता दें कि बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। पहली बार बांध 2004 में ओवरफ्लो हुआ था। तक बांध में 315.50 आरएल मीटर से अधिक पानी आया था। उसके बाद 2006 में बांध ओवरफ्लो हुआ। 2006 के बाद सात साल तक बांध पर्याप्त पानी नहीं आने के कारण ओवरफ्लो नहीं हुआ। उसके बाद 2014 में बांध ओवरफ्लो हुआ। आपको बता दें कि जब यह बांध ओवरफ्लो होता है तो इसका पानी ईसरदा बांध में जाता है। ऐसे में इस सीजन में बांध के ओवरफ्लो के लिए अच्छी बरसात पर उम्मीद टिकी हुई है। आपको बता दें कि बीसलपुर बांध में पानी का भराव सीमित है और बांध पूरी तरह बरसात पर निर्भर है।
सिर्फ इस साल हुआ ओवरफ्लो
पिछले 16 साल में बांध केवल 4 बार ही पूरा भरा है। इसके लिए चंबल और ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर को जोड़ने की योजना बनाई गई है। हालांकि करीब 6 हजार करोड़ की इस योजना पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। आपको बता दें बीसलपुर बांध अस्तित्व में आने के बाद 2004, 2006, 2014 और 2016 में ही ओवरफ्लो हुआ है।
बीसलपुर बांध में पानी का रिजर्वेशन
—कुल भराव क्षमता 38.7 टीएमसी
—इसमें 33.15 टीएमसी लाइव स्टोरेज
—बाकी ईको कल्चर के लिए डेड स्टॉक
—33.15 में से 8 टीएससी सिंचाई के लिए आरक्षित
—16.20 टीएमसी पेयजल सप्लाई के लिए
—8.95 टीएमसी वाष्पीकरण और जमीन सोख लेती है
—16.20 में से 11.20 टीएमसी जयपुर, टोंक के लिए
—4.80 टीएमसी अजमेर के लिए
बनास नदी पर बना है बांध
बीसलपुर बांध राजस्थान के टोंक जिले में 84 वर्ग मील में बनास नदी पर बना है। यह बांध जयपुर, टोंक, अजमेर सहित कई शहरों की प्यास बुझाने के साथ ही सिंचाई की जरूरतों को भी पूरा करता है।टोंक जिले में बीसलपुर गांव पर यह बांध बना हुआ है। यह अपने भगवान गोकर्णेश्वर के प्राचीन मंदिर के लिए प्रसिद्द है। आपको बता दें कि यह बाँध दो चरणों में बनाया गया। पहले चरण का उद्देश्य गाँव के लोगों को पीने का पानी उपलब्ध करवाना था जबकि दूसरे चरण का लक्ष्य सिंचाई की सुविधाओं में सुधार लाना रहा है। यह बाँध 574 मीटर लंबा और 39.5 मीटर ऊँचा है।
पूरा सिस्टम बांध पर निर्भर
हालांकि जलदाय विभाग शहर में पेयजल आपूर्ति की मात्रा बढ़ाने के लिए यह सारे प्रयास कर रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आपूर्ति के लिए पूरा पानी बीसलपुर बांध से ही लिया जाना है। अभी भी शहर की ज्यादातर प्यास बीसलपुर बांध से ही बुझ पा रही है। पिछले साल बीसलपुर बांध में पानी की पर्याप्त आवक नहीं होने से शहर में पिछले साल अगस्त से कटौती के साथ पेयजल आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में सबकुछ बीसलपुर बांध में पानी की अच्छी आवक पर ही निर्भर करता है। बांध में पानी की आवक कम होने पर आपूर्ति का यह सिस्टम बिना पानी के कारगर साबित नहीं हो सकता।