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तीसरे साल भी कृषि के लिए कौन बना वरदान… जानें कितनी जमीन सींचेगा पानी… डेम स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले में हुई बारिश के अलावा बनास नदी के आस पास बने तालाबों और एनिकट से होकर पानी सहायक नदियों में आ रहा है। त्रिवेणी में पानी का बहाव आज सुबह 2.80 मीटर पर चल रहा है जिसके कारण बीसलपुर डेम से 1503 क्यूसेक पानी प्रति सैकेंड डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जा रहा है। मालूम हो डेम की कुल जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और अभी डेम फुल कैपेसिटी पर है। ऐसे में डेम में पानी का दबाव कम करने की गरज से पानी की निकासी आज लगातार 29वें दिन भी की जा रही है।
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लौटते मानसून का बीसलपुर डेम को तोहफा… जानिए त्रिवेणी से क्यों अटका रेडियल गेट… जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगामी सप्ताहभर और बीसलपुर डेम छलकने वाला है। त्रिवेणी में पानी का बहाव दो मीटर से कम होने पर ही डेम के खुले एक गेट को बंद करने पर विचार किया जाएगा। हालांकि जयपुर, अजमेर और टोंक जिले को डेम से रोजाना जलापूर्ति करने के बावजूद डेम का जलस्तर उच्चतम स्तर पर मेंटेन है लेकिन इससे उपर हो रही पानी की आवक को स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण बनास नदी में छोड़ने के अलावा अन्य कोई विकल्प फिलहाल नहीं है।
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बादलों का बोरिया बिस्तर बंधाः पूर्वी राजस्थान से विदा लेता मानसून… बीसलपुर बांध का एक गेट नंबर 9 अभी 25 सेंटीमीटर उंचाई तक खोलकर 1503 क्यूसेक प्रति सैकेंड पानी डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जा रहा है। डेम के अलावा बनास नदी से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता होने पर इस साल किसानों के चेहरे खिल उठे हैं और बनास नदी के आस पास करीब डेढ़ लाख हैक्टेयर सिंचित भूमि पर किसानों ने आगामी फसलों की बुवाई को लेकर कृषि कार्य भी शुरू कर दिए हैं।