गौरतलब है कि बीसलपुर बांध निर्माण के बाद से लेकर अभी तक छह बार छलक चुका है। छह बार बांध अगस्त माह में भी छलका लेकिन इस बार यदि मानसून का थोड़ा और साथ मिला तो बांध इस बार सितंबर माह में पहली बार छलक कर नया रेकॉर्ड बना सकता है।
बीसलपुर डेम से जयपुर, अजमेर और टोंक जिले को रोजाना करोड़ों लीटर जलापूर्ति रोजाना होती है। डेम से रोजाना करोड़ों लीटर पानी जलापूर्ति के लिए लेने के बावजूद डेम का जलस्तर रोजाना औसतन 5 से 20 सेंटीमीटर तक बढ़ा है। डेम की कुल जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और डेम का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक 314.60 आरएल मीटर को पार कर चुका है।
ऐसे में अब डेम को छलकने के लिए महज 90 सेमी स्तर छूने की दरकार है। त्रिवेणी में भी पानी का बहाव पिछले 24 घंटे में घटकर अब 2.90 मीटर के करीब आ गया है जिसके चलते डेम में पानी की आवक धीमी जरूर हुई है लेकिन फिर भी डेम में पानी की आवक बने रहने से डेम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग के डेम पर तैनात अधिकारी भी डेम छलकने को लेकर अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
फैक्ट फाइल: बीसलपुर बांध परियोजना
-बांध का 1985 में हुआ था शिलान्यास-1987 में बांध का शुरू हुआ निर्माण
-1996 में बांध बनकर तैयार
-832 करोड़ रुपए आई लागत
जल भराव क्षमता
-315.50 आरएल मीटर कुल जल भराव क्षमता-38.708 टीएमसी पानी का होता है भराव
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अब तक छह बार बांध ओवरफ्लो
-2004 में निर्माण के बाद पहली बार गेट खुले-2006 में दूसरी बार छलका बांध
-2014 में तीसरी बार खोले गए गेट
-2016 में भी बांध के खुले गेट
-2019 में भी बांध के खुले गेट
-2022 में भी बांध के खोले गेट
बांध एक नजर में
-बीसलपुर डेम में कुल 18 गेट हैं जो 15गुना 14 मीटर साइज के बनाए गए हैं।-बांध की लंबाई 576 मीटर व समुद्रतल से उंचाई 322.50 मीटर है।
-बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किमी है जिसमें से कुल 21 हजार 30 हैक्टेयर भूमि जलमग्न रहती है।
-बीसलपुर बांध से टोंक जिले में सिंचाई के लिए दायीं व बायीं दो मुख्य नहरों का निर्माण वर्ष 2004 में पूर्ण हुआ था।
-दायीं नहर की लंबाई 51 व बायीं नहर की लंबाई 18.65 किमी है। जिनसे टोंक जिले की 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है।
-दायीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 हैक्टेयर व बायीं से 12 हजार 407 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई कार्य होता है।
-अभी बांध का गेज 314.60 आरएल मीटर है जिसमें 32.360 टीएमसी पानी स्टोरेज है जो कुल जलभराव का क्षमता का 83.62 फीसदी है।