दरअसल हर साल इस अन्नकूट में करीब डेढ़ से दो लाख भक्त प्रसादी पाते हैं। इसकी तैयारी कई दिन पहले से की जाती है। कुछ 56 डिश का आज दोपहर साढ़े बारह बजे हनुमान जी के मंदिर में भोग लगाया गया और उसके बाद देर रात तक के लिए प्रसादी शुरू कर दी गई। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हलवाई और अन्य को मिलाकर चार हजार लोगों का स्टाफ रहा।
64 वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव के इस आयोजन में सभी जात-पात और धर्म के लोग शामिल होते हैं। अन्नकूट प्रसादी के बारे में प्रबंधन ने बताया कि आज सवेरे पहले खोले के हनुमान मंदिर के पूजा -पाठ के बाद करीब 25 किलो चांदी की पोशाक चढ़ाई गई। उसके बाद प्रसादी का भोग लगाया गया। यह भोग अन्य 61 बड़े मंदिरों में भी लगाया गया। इस आयोजन की सबसे खास बात ये है कि यह एक दिन में ही पूर्ण कर लिया जाता है। दो लाख लोगों का खाना एक ही रसोई में बनता है और इसे बिना किसी परेशानी के पूर्ण कर लिया जाता है। बताया जा रहा है कि आज सवेरे करीब आठ बजे से यह भोजन प्रसादी बनाना शुरु हुई जो करीब बारह बजे तक पूर्ण हो गई।