ईडी ने यह जांच गत वर्ष पीएचईडी में हुई एसीबी कार्रवाई के आधार पर शुरू की थी। एसीबी ने चार्जशीट में बताया था कि पदमचंद जैन और अन्य लोगों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) में टेंडर जारी कराने और भुगतान में भारी भ्रष्टाचार किया है। जांच से ईडी ने पाया कि ठेकेदार पदमचंद जैन के इशारे पर पीएचईडी के जल जीवन मिशन में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। पदमचंद बड़े अधिकारियों को रिश्वत देकर मेसर्स इरकॉन कम्पनी के फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर जेजेएम में निविदाएं लेता और भुगतान भी उठाता था।
मनी ट्रेल का पता लगाएगी ईडी
ईडी उस मनी ट्रेल का पता लगाया जिसमें पदमचंद जैन अपनी फर्म में गलत तरीके से किए गए काम के बदले भारी रकम ले रहा था। यह भी सामने आया कि वह रुपए कहां-कहां पहुंचा रहा था। उसके नाम, संस्थाओं और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर रखे गए कई बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपए लिए गए।
बेटे के खिलाफ हो चुका चालान
ईडी पदमचंद के बेटे पीयूष जैन के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर चुकी, जिसमें 8.8 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप है। इससे पहले ईडी पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, संजय बड़ाया, पदम चंद जैन, महेश मित्तल समेत अन्य के यहां सर्च कर चुकी है। तलाशी में ईडी ने अब तक 11.42 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति जब्त की है, जिसमें 6.50 करोड़ रुपए का सोना-चांदी शामिल है।