लक्ष्य बडा रखे एवं न पालें अभिमान
विद्यार्थियों से कहा कि मैं आप में से आईएएस और आरएएस बनते देखना चाहता हूं। इसके लिए कड़ी लगन और मेहनत के साथ जुट जाएं। हमारे लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि होना चाहिए। युवा पीढ़ी के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लक्ष्य बड़ा रखें एवं कभी अभिमान न पालें, क्योंकि अभिमान पतन का प्रमुख कारण होता है। कठिन परिश्रम पर विश्वास रखें क्योंकि कर्म से भाग्य का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि इस कोचिंग के माध्यम से जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को पूर्ण मार्गदर्शन मिलेगा जिससे उन्हें परीक्षा में आत्मविश्वास एवं मनोबल मिलेगा एवं सफलता प्राप्त होगी। यह भी पढ़ें
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इस अवसर पर टी.आर.आई. के निदेशक ओ.पी. जैन ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अमृत कलश योजना कर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को उक्त प्रतियोगी परीक्षा की सम्यक एवं व्यवस्थित तैयारी करवाने के लिए 45 जनजाति अभ्यर्थियों के लिए उक्त कोचिंग कक्षाएं संचालित की जाएगी। 2 फरवरी को आयोज्य प्रारम्भिक परीक्षा के लिए उक्त कोचिंग की नियमित कक्षाएं 18 दिसंबर से टी.आर.आई. परिसर में सायं 4 बजे से नियमित संचालित होगी। उक्त कोचिंग को संचालित करने वाली संस्था सुरेश चन्द्र लूणावत फाउण्डेशन माय मिशन भी टीआरआई को उक्त उद्देश्यार्थ अपनी नि:शुल्क सेवाएं देंगी। संस्था के संजय लूणावत ने अपना प्रोजेक्ट एवं कार्ययोजना पेश करते हुए बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से माय मिशन के तहत पूर्व में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 38 में से 28 बालिकाओं का चयन हो चुका है। गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन देना संस्था की प्रतिबद्धता है। कक्षाओं के दौरान ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड़ में अध्ययन एवं नियमित टेस्ट आयोजित होंगे। नोट्स इत्यादि पाठ्यसामग्री भी अभ्यर्थियों को उपलब्ध करवाई जाएगी।