बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बैरवा ने कहा कि कहीं किसी राजनीतिक दबाव में तो नए जिलों की सिफारिश नहीं की गई थी। वास्तविक तौर पर कहां जिला बनाने की जरूरत थी और उसके लिए कितना क्षेत्रफल होना चाहिए था। जनता को इससे क्या फायदा होने वाला था। इन तमाम चीजों को ध्यान में सब समेटी अपना काम कर रही है। बैठक में मंत्री हेमंत मीणा और कन्हैयालाल चौधरी भी मौजूद रहे।
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राम लुभाया कमेटी की सिफारिश पर बने थे जिलेपूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया कमेटी की सिफारिश के आधार पर 17 जिले और तीन संभाग बनाए गए थे। अब सत्ता में आते ही भाजपा ने नए जिलों की समीक्षा कैबिनेट सब कमेटी बनाई थी।