यह भी पढ़ें : निर्यात मांग से लालमिर्च महंगी, इस साल पैदावार कम क्या डॉलर में कमजोरी से चढ़ रहा है सोना गोल्ड इंटरनेशनल कमोडिटी है और मोटे तौर पर इसकी प्राइसिंग डॉलर में तय होती है। डॉलर में कमजोरी आने पर सोने के दाम अमूमन चढ़ते हैं। यूएस डॉलर इंडेक्स पिछले साल सितंबर में 114 के स्तर पर था। वहां से घटकर यह 103 के आसपास आ चुका है। यह इसका 7 महीनों का निचला स्तर है। यूक्रेन युद्ध के अलावा ताइवान पर अमेरिका और चीन की तनातनी के हालात बने हुए हैं। साथ ही कोविड से जुड़ी चिंता भी बनी हुई है। महंगाई केंद्रीय बैंकों के लिहाज से कंफर्टेबल जोन में नहीं आई है और मंदी का खतरा भी मंडरा रहा है। इस तरह के अनिश्चित माहौल में निवेशक सेफ मानी जाने वाली असेट्स पर दांव लगाते हैं।
यह भी पढ़ें :दूध महंगा, फिर भी देसी घी हुआ सस्ता, एक माह में 400 रुपए तक गिरे दाम और कितना महंगा हो सकता है सोना जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के महासचिव मातादीन सोनी का कहना है कि साल 2022 में भारत में सोने ने अच्छा रिटर्न दियाए क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आई। साल 2023 में सोने में एक बड़े बुल रन की उम्मीद है। इस साल की दूसरी छमाही में ऐसा हो सकता है। इस साल रुपए में सोने से कम से कम 10 प्रतिशत रिटर्न दे सकता है। डॉलर टर्म्स में रिटर्न 12 से14 प्रतिशत तक हो सकता है।