राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि जब तक सिफारिश सावर्जनिक नहीं होंगी, तब तक कैसे पता चलेगा कि वेतन विसंगतियों को लेकर क्या कहा गया है।
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यह है मामला
कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पहले 3 नवंबर 2017 को तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने सामंत कमेटी का गठन किया था। समिति ने 5 अगस्त 2019 को अपनी रिपोर्ट पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को सौंप दी थी, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। उसके बाद राजस्थान सरकार ने 5 अगस्त 2021 को खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में वेतन विसंगति परीक्षण समिति के नाम से एक और कमेटी बना दी, कमेटी ने 2 फरवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।