जयपुर

पीएचडी करने वाले विद्या र्थियों के लिए बड़ी खबर, जानें यूजीसी के क्या है नए निर्देश

देशभर के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पीएचडी के नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों में दाखिले लिए जाएंगे। स्थायी समिति गठित की है।

जयपुरJun 22, 2023 / 06:59 pm

Gaurav Mayank

पीएचडी करने वाले विद्या​र्थियों के लिए बड़ी खबर, जानें यूजीसी के क्या है नए निर्देश

जयपुर। देशभर के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) के अनुसार नए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से विद्यार्थी एक साथ दो विषयों में पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) (PhD (Doctor of Philosophy) कर सकेंगे। विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (university grants commission) (यूजीसी) ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया है, हालांकि केंद्रीय और राज्यों के विश्वविद्यालयों को ड्राफ्ट का अध्ययन करने के अलावा नियमों में फेरबदल करना जरूरी होगा। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पीएचडी के नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों में दाखिले लिए जाएंगे। दो विषयों में पीएचडी की अनुमति को लेकर स्थायी समिति गठित की है।

समिति यह करेगी कार्य

स्थायी समिति उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने पर यूजीसी को शिकायत करेगी। समिति ऐसे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ यूजीसी को कार्रवाई की सिफारिश भी करेगी। समिति विशिष्ट संस्थानों के चयन, संकाय नियुक्तियों और पीएचडी डिग्री का डाटा संकलित करेगी।

कई विश्वविद्यालयों में एंट्रेंस टेस्ट

साल 2010-11 से देश के केंद्रीय और राज्यों के विश्वविद्यालयों ने शोध प्रवेश परीक्षा तथा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लागू किया है। इसके अनुसार पीएचडी में दाखिले के नियम बनाए हैं। इनमें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सहित राज्य के अन्य यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं।

यह हो सकते हैं फायदे

चुनौतियां भी नहीं कम…

शिक्षाविद् जी.एस. कांडपाल के मुताबिक, नई शिक्षा नीति केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक साथ दो पाठ्यक्रम संचालित करने और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से जुड़ने की छूट देती है। नई शिक्षा नीति के तहत देशभर के छात्र एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम कर सकते हैं।

टॉपिक एक्सपर्ट

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार दो विषयों में पीएचडी से विद्यार्थियों को फायदा होगा, हालांकि यूजीसी के ड्राफ्ट पर विस्तृत अध्ययन की जरूरत के साथ-साथ प्रत्येक विश्वविद्यालय को नियमों में फेरबदल की काफी जरूरत पड़ेगी।

– प्रो. शिवदयाल सिंह, निदेशक शोध, एमडीएस यूनिवर्सिटी

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