प्रदेश में 4000 पदों पर हुई थी भर्ती
जिला परिषद एसीईओ शेरसिंह लुहाडिया ने बताया कि मामला कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती-2013 का मामला है। इसके आवेदन तो 2013 में लिए गए। पूरे प्रदेश में 4000 पदों पर भर्ती हुई, जिसमें जयपुर जिला परिषद में भी इसकी भर्ती की गई। लेकिन एक नियुक्ति ऐसी भी हुई, जिसमें आवेदन तो किसी दूसरी महिला अभ्यर्थी ने किया और नौकरी किसी दूसरी महिला को दे दी। दस्तावेज और जांच रिपोर्ट के मुताबिक अंजली गुप्ता पुत्री श्याम लाल गुप्ता इस नौकरी के लिए फरवरी 2013 में आवेदन किया। इसकी एप्लीकेशन आईडी 04010015788 है। लेकिन जब नियुक्ति दी गई उसमें एप्लीकेशन आईडी और टोकन नंबर अंजली गुप्ता पुत्री श्याम लाल गुप्ता का ही था। लेकिन 5 अक्टूबर 2023 में जब नियुक्ति दी गई तो अंजली गुप्ता की जगह अंजली चन्द्रा पुत्री खेमचन्द चंद्रा को दी। अंजली चंद्रा को 6 अक्टूबर 2023 को ज्वाइनिंग दी गई।
नौकरी के बाद प्रतिनियुक्ति करवाई
फर्जी तरीके से नौकरी लगने के बाद अपनी प्रतिनियुक्ति जयपुर एसडीएम फर्स्ट में करवा ली। चुनाव कार्य में ड्यूटी लगवा ली। जनवरी 2024 तक नौकरी करने के बाद अंजली ने फरवरी 2024 से जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश लिया। मातृत्व अवकाश पूरा करने के बाद अगले 6 माह के लिए उसने अवैतनिक अवकाश स्वीकृत करवा लिया और 31 जनवरी 2025 तक छुटि्टयों पर चली गई। अंजली चंद्रा का पति संदीप वर्मा खुद वर्तमान में जिला परिषद जयपुर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्त है।