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संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि भर्तियों में पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए चतुर्थ श्रेणी सेवा एवं समकक्ष पदों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं एवं 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ाकर 10वीं करने एवं इनकी भर्ती साक्षात्कार से कराने के बजाय राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह, वाहन चालक के पद पर भर्ती की शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ा कर 10वीं उत्तीर्ण करने तथा अलग-अलग सेवा नियमों में वाहन चालक के पदनामों में एकरूपता लाते हुए एक ही पदनाम वाहन चालक करने का फैसला किया गया है। साथ ही, वाहन चालक के पदों की भर्ती भी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाई जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि भर्तियों में पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए चतुर्थ श्रेणी सेवा एवं समकक्ष पदों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं एवं 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ाकर 10वीं करने एवं इनकी भर्ती साक्षात्कार से कराने के बजाय राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह, वाहन चालक के पद पर भर्ती की शैक्षणिक योग्यता 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ा कर 10वीं उत्तीर्ण करने तथा अलग-अलग सेवा नियमों में वाहन चालक के पदनामों में एकरूपता लाते हुए एक ही पदनाम वाहन चालक करने का फैसला किया गया है। साथ ही, वाहन चालक के पदों की भर्ती भी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाई जाएगी।
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राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के दौरान आवेदन पत्र अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होते थे और स्नातक, स्नातकोत्तर, एल.एल.बी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा भी आवेदन किया जाता था। साक्षात्कार के माध्यम से चयन किए जाने के कारण विभागों को इन भर्तियों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इन कारणों से कई वर्षों से इन पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही थी।
इसलिए अब लिखित परीक्षा कराने का निर्णय किया गया है।
राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के दौरान आवेदन पत्र अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होते थे और स्नातक, स्नातकोत्तर, एल.एल.बी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा भी आवेदन किया जाता था। साक्षात्कार के माध्यम से चयन किए जाने के कारण विभागों को इन भर्तियों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इन कारणों से कई वर्षों से इन पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही थी।
इसलिए अब लिखित परीक्षा कराने का निर्णय किया गया है।