यह भी पढ़ेंः सप्ताहभर में मैदानों तक पहाड़ों की सर्दी की दस्तक,जानिए प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम… इसके साथ ही सभी सरकारी आदेशों, दिशा-निर्देशों, सूचना पत्र, परिपत्र और रिपोर्ट में ‘आवारा‘ शब्द की जगह निराश्रित गौवंश का उपयोग किया जाएगा। इसे लेकर गोपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने सभी जिला कलक्टरों व जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें गौवंश को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा माना गया है।
यह भी पढ़ेंः घर जाने की जद्दोजहदः त्योहार पर ट्रेनों में वेटिंग पहुंची 300 पार, सीटें खत्म, रेल टिकट की मारामारी ऐसे में गौवंश के लिए आवारा शब्द के उपयोग को अपमानजनक व सांस्कृतिक मूल्यों के विपरित माना गया है। सरकारी कार्यालयों के साथ अब सभी सरकारी व अनुदानित संस्थाओं की ओर से गौवंश के लिए निराश्रित शब्द का उपयोग किया जाएगा। बता दें कि पिछले लंबे समय से आवारा गौ वंश शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा था।