गंभीर यह है कि दो दिन पहले ही एक निजी अनुबंधित कंपनी ने उन जीएसएस को संभालने से हाथ खड़े कर दिए, जिन्हें कांग्रेस सरकार के समय जाते-जाते ठेके पर सौंपा गया था। इससे घबराए निगम अफसरों को आनन-फानन में अपने कर्मचारियों को सब स्टेशन पर भेजना पड़ा है।
ऐसे हालात के बावजूद कुछ बड़े अफसर ‘अपनों’ को उपकृत करने के चक्कर में विद्युत सिस्टम को खतरे में डाल रहे है। अब तक 255 जीएसएस को ठेके पर दिए जा चुके हैं।
यहां बिगड़े हालत, कंपनी ने खड़े किए हाथ
-पिछली सरकार में चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले 6 अक्टूबर, 2023 को 72 जीएसएस के ऑपरेशन मेंटीनेंस का काम जीबीएस एंटरप्राइजेज को सौंपा।
-पिछले दिनों कई जीएसएस पर कंपनी के कर्मचारियों ने आना बंद कर दिया। इससे ट्रांसमिशन सिस्टम के प्रभावित होने का खतरा मंडरा गया। प्रसारण निगम को 12 सितम्बर को ऐसे सभी जीएसएस पर अपने कर्मचारियों को भेजने के आदेश जारी करने पड़े।
-कंपनी ने 13 सितंबर को निगम अधिकारियों को पत्र भेजा, जिसमें वित्तीय स्थिति ठीक होने के बाद ही कर्मियों को वेतन दे पाने की जानकारी देकर हाथ खड़े कर दिए।
समीक्षा कर रहे हैं
कंपनी की ओर से जीएसएस कर कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा पाने का मामला संज्ञान में आया है। कंपनी पर एक्शन लिया जा रहा है। हमने अभी केवल टेंडर किए हैं, ऐसा नहीं है कि बिना जरूरत जीएसएस को ठेके पर दिया जाएगा। इसकी भी समीक्षा कर रहे हैं।-
हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री