अगस्त 2023 में गहलोत सरकार ने जयपुर को चार जिलों-जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली में विभाजित किया था। नई सरकार ने करीब 17 महीने बाद यह फैसला लिया है। जयपुर से कोटपूतली और अलवर से बहरोड़ को अलग कर बनाए कोटपूतली-बहरोड़ जिले को सरकार ने यथावत रखा है। वर्तमान स्वरूप की बात करें तो पुराने जिले के हिसाब से सिर्फ कोटपूतली को ही जयपुर से अलग किया गया है।
जयपुर जिले का नया स्वरूप
उपखंड: जयपुर, सांगानेर, आमेर, बस्सी, चाकसू, जमवारामगढ़, चौमूं, सांभरलेक, माधोराजपुरा, रामपुरा डाबडी, किशनगढ़-रेनवाल, जोबनेर, शाहपुरा, फागी, दूदू और मौजमाबाद।तहसील: मौजमाबाद, दूदू, फागी, शाहपुरा, जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, रामपुरा डाबड़ी, माधोराजपुरा, फुलेरा, चौमूं, आंधी, जमवारामगढ़, कोटखावदा, चाकसू, तूंगा, बस्सी, जालसू, सांगानेर, कालवाड़, आमेर और जयपुर।
सुविधाओं का अभाव
पिछले 17 महीनों में जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के लिए कोई ठोस बुनियादी ढांचा नहीं बना। जयपुर कलक्टर के पास ही इन जिलों का अतिरिक्त चार्ज रहा और लोगों को अपने काम के लिए जयपुर मुख्यालय ही आना पड़ा। वर्ष 2023 में बने नए जिलों को सुविधाएं देने में सरकार असफल रही। न तो कार्यालय खोले गए और न ही जिला स्तर की योजनाएं लागू की गईं। यह भी पढ़ें