इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि योजना के तहत बनने वाले सस्ते फ्लैट-प्लॉट निर्धारित ईडब्ल्यूएस व एलआईजी श्रेणी के लोगों को ही मिलें। ऐसे प्लॉट-फ्लैट का आवंटन का अधिकार भी सरकार बिल्डर-डवलपर्स से वापस लेगी। समय पर आवास मिलें, इसके लिए योजना की स्वीकृति के दिन से ही भवन निर्माण की समय सीमा तय की जाएगी।
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बिल्डर-डवलपर पर बंदिश : निकाय की योजना में ही लेने होंगे आवास…अभी यह प्रावधान – बिल्डर अपने मूल प्राेजेक्ट में ईब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी-ए के लिए निर्धारित आवास नहीं बनाता है तो उसे दूसरी लोकेशन पर इनके लिए आवास निर्माण की छूट है। इसका फायदा उठाते हुए कई बिल्डर-डवलपर ऐसी जगह बिल्डिंग खड़ी करते आए हैं, जो आबादी से कई किलोमीटर दूर हैं। आवंटी जा ही नहीं पा रहे, इसलिए ऐसी कई इमारतें खंडहर बन रही हैं। जयपुर विकास प्राधिकरण तक ने ऐसा किया है।
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अब लगा रहे बंदिश- बिल्डर-डवलपर को स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास की आवासीय योजना में ही जरूरतमंदों के लिए भूखंड, फ्लैट खरीदकर देने होंगे। वह मनचाही जगह पर इनके लिए आवास निर्माण नहीं कर पाएगा। वह इसके लिए रजामंद नहीं होता है तो उसे अपने मूल प्रोजेक्ट में ही आवास निर्माण करके देने होंगे। यह भी प्रस्तावित किया
-आवासीय योजना में न्यूनतम सड़क मार्गाधिकार 9 मीटर रखा जाए,जिससे सुगम यातायात संचालन हो सके। चौपहिया वाहन पार्किंग के लिए स्थान।
-ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के भूखंडों को आंतरिक विकास होने तक आरक्षित नहीं रखें जाएं।
-उच्च व मध्यम आय वर्ग के भूखंडों को बेचने से पहले ईडब्ल्यूएस व एलआईजी वर्ग के फ्लैट्स का निर्माण पूरा करना होगा।
-आंतरिक एवं बाहरी विकास कार्य पूर्ण होने तक योजना का विक्रय योग्य 12.5 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय निकाय के पास रहन (बतौर गिरवी) रखा जाएगा।
-किसी भी योजना के भूखण्डों-फ्लैट की रजिस्ट्री, लीज डीड जारी करने से पूर्व विकासकर्ता को न्यूनतम 20 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस इकाई का निर्माण करना होगा।
-आवासीय योजना में न्यूनतम सड़क मार्गाधिकार 9 मीटर रखा जाए,जिससे सुगम यातायात संचालन हो सके। चौपहिया वाहन पार्किंग के लिए स्थान।
-ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के भूखंडों को आंतरिक विकास होने तक आरक्षित नहीं रखें जाएं।
-उच्च व मध्यम आय वर्ग के भूखंडों को बेचने से पहले ईडब्ल्यूएस व एलआईजी वर्ग के फ्लैट्स का निर्माण पूरा करना होगा।
-आंतरिक एवं बाहरी विकास कार्य पूर्ण होने तक योजना का विक्रय योग्य 12.5 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय निकाय के पास रहन (बतौर गिरवी) रखा जाएगा।
-किसी भी योजना के भूखण्डों-फ्लैट की रजिस्ट्री, लीज डीड जारी करने से पूर्व विकासकर्ता को न्यूनतम 20 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस इकाई का निर्माण करना होगा।
सुविधाओं से कनेक्ट नहीं, इसलिए हो रहा माेहभंग…
-आबादी क्षेत्र से दूर होने से मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है।
-वहां से नौकरी, व्यवसाय स्थल तक आने-जाने के लिए सुगम परिवहन साधन नहीं या कम।
-खुद के वाहन से आवागम के कारण पेट्रोल-डीजल का अतिरिक्त खर्चा।
-बसावट नहीं होने से असुरक्षित माहौल।
-अच्छा अस्पताल, बच्चों के लिए स्कूल आस-पास नहीं।
-आबादी क्षेत्र से दूर होने से मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है।
-वहां से नौकरी, व्यवसाय स्थल तक आने-जाने के लिए सुगम परिवहन साधन नहीं या कम।
-खुद के वाहन से आवागम के कारण पेट्रोल-डीजल का अतिरिक्त खर्चा।
-बसावट नहीं होने से असुरक्षित माहौल।
-अच्छा अस्पताल, बच्चों के लिए स्कूल आस-पास नहीं।