यहां डवलपमेंट पूरा होने के बाद दूसरे हिस्सों में योजनाएं लाई जा सकेंगी। इसके तहत नगर नियोजन का ऐसा प्लान तैयार होगा, जिसमें कम क्षेत्रफल में घनी बसावट के साथ बड़ा खुला हिस्सा भी हो। लोगों को कम दूरी में मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत के निर्देशन में विशेषज्ञों की टीम इस पर काम कर रही है। संभवतया आचार संहिता हटते ही सब कुछ फाइनल हो जाएगा। अभी कॉम्पेक्ट सिटी मॉडल लागू है, लेकिन काम नहीं हो रहा।
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इनको बदलने पर हो रहा काम…टाउनशिप पॉलिसी, डीसीआर, जन आवास योजना में भी बदलाव होगा। इसके लिए आर्किटेक्ट एसोसिएशन, बिल्डर्स एसोसिएशन, नगर विकास न्यास, विकास प्राधिकरण एवं नगर निगमों के साथ संबंधित एक्सपर्ट के साथ शुरुआती मंथन हो चुका है। अगले माह तक संशोधित या नई पॉलिसी आएगी। इसके अलावा भवन विनियमों में भी कुछ संशोधन हो सकता है।