नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांगों के जवाब में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है। आवेदन में यदि कोई खामी है तो संबंधित निकाय को उसकी जानकारी सात दिन में देनी होगी। यदि पट्टा निरस्त होता है तो भी आवेदक को इसकी जानकारी कारण सहित लिखित में बताई जाएगी।
इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। जहां आवेदक संतुष्ट न होने पर अपील कर सकेंगे। ये कमेटी जांच करेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी करेगी। मंत्री ने विभिन्न पॉलिसी में बदलाव के लिए सभी विधायकों से सुझाव देने की अपील भी की ताकि नियम-कायदों को पारदर्शी और बेहतर बनाया जा सके।
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यहां कसा शिकंजा
1- अब पांच साल से ज्यादा प्रतिनियुक्ति नहीं: विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आकर जमें कर्मचारी को लेकर भी मंत्री ने सदन से ही अफसर को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष से अधिक प्रतिनियुक्त वाले अधिकारियों को मूल विभाग में भेजा जाएगा। साथ ही विभाग की एक शाखा में कोई अधिकारी और कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक नहीं रहेगा। 2- भूमि के बदले भूमि : पिछली सरकार के सूराख किए बंद: मुआवजे को लेकर भूमि के बदले भूमि मामले में कथित घोटाले के बाद मंत्री ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने इस पालिसी में कई सूराख छोड़े थे। हमारी सरकार ने जो पॉलिसी बनाई है, उसमें डीएलसी दर का प्रावधान रखा है। पिछली सरकार के सूराखों को बंद कर दिया है। कोई भी नाजायज फायदा नहीं उठा पाएगा।