राज्य सरकार ने बजट में 2 हजार 756 किलोमीटर के 9 नए एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की थी। इस पर काम शुरू हुआ तो सामने आया कि जयपुर से पचपदरा के बीच एक एक्सप्रेस-वे पर एनएचएआई भी काम कर रहा है। इसके बाद 9 में से एक जयपुर-जोधपुर-पचपदरा एक्सप्रेस-वे की डीपीआर एनएचएआई के हाथ में चली गई।
बाकी आठ एक्सप्रेस-वे की डीपीआर बनाने के लिए राज्य सरकार ने 30 करोड़ रुपए का बजट जारी किया। इन आठ में से सात की डीपीआर बनने का काम शुरू हो चुका है, वहीं एक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की डीपीआर पर भी जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। इन एक्सप्रेस-वे के बनाने की लागत 1 लाख करोड़ से ज्यादा आंकी गई है। ऐसा दावा भी किया जा रहा है कि सभी जिला मुख्यालय इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद एक घंटे की दूरी पर ही रहेंगे।
पुराने प्रस्तावों का तो जवाब ही नहीं आया
केन्द्रीय सड़क-परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने 4 हजार 772 किलोमीटर की 50 सड़कों को नेशनल हाईवे घोषित करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। इसके बाद से राज्य और केन्द्र सरकार के बीच 50 सड़कों को नेशनल हाईवे घोषित करने के लिए कई बार पत्राचार हो चुका है। वर्तमान सरकार में भी पत्र लिखा गया था, लेकिन केन्द्र ने इन पर कोई एक्शन ही नहीं लिया।केन्द्र अपने स्तर पर ही तय कर रहा एक्सप्रेस-वे और उनके रूट
केन्द्र सरकार लम्बे समय से नेशनल हाईवे के रूट अपने हिसाब से ही तय कर रहा है। राजस्थान से निकल रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे की बात हो या फिर अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे का मामला। यह सब केन्द्र ने अपने स्तर पर ही तय किए हैं। यह भी पढ़ें
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इनका कहना है…
बजट में घोषित किए गए प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। ये एक्सप्रेस-वे कौन बनाएगा, यह निर्णय तो राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के स्तर पर ही होना है। हमें अभी तक जो आदेश मिले हैं, उसी हिसाब से काम कर रहे हैं।-डी आर मेघवाल, सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग
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