उन्होंने बताया कि इस संबंध में आमजन से व जनप्रतिनिधियों से राय ले रहे हैं। करीब 99 प्रतिशत का मत है कि यह विभाजन गलत हुआ है। इससे सरकार पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ा है और शहरों में व्यवस्था खराब हुई है। स्थानीय निकायों व पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराने को लेकर मंत्री खर्रा ने कहा कि निश्चित रूप से यह काम किया जाएगा।
पिछले पांच साल राजस्थान में अलग- अलग चुनाव होते रहे, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार लगातार होटलों में मौज उड़ाती रही। जब दो महीने में चुनाव हो जाएंगे तो उनको तकलीफ तो होगी ही। उन्होंने कहा कि 13 लाख पट्टों की जांच करवाएंगे, हालांकि समय जरूर ‘लगेगा, लेकिन जांच जरूर होगी।