संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाया
भजनलाल सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) को नीतिगत दस्तावेज बनाया था और क्रियान्वयन के लिए डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया था। जिसमें मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सुरेश सिंह रावत और बाबूलाल खराड़ी को सदस्य बनाया गया था। इससे पहले गहलोत सरकार ने भी साल 2018 में सत्ता में आते ही अपने चुनाव घोषणा पत्र को जन घोषणा पत्र का नाम देकर सरकारी दस्तावेज बनाया था।
26 फरवरी को पीएम मोदी राजस्थान को देने जा रहे ये बड़ी सौगात, लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
यह भी वजह
संकल्प पत्र की घोषणाओं को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सके। चुनाव में जनता को यह संदेश देने का प्रयास है कि जो वादे किए उन्हें जल्द से जल्द लागू किया जा रहा है।