राजे ने कहा कि सभी दलों के राजनेताओं से भैरोसिंह शेखावत के मधुर संबंध थे। हरिदेव जोशी एसएमएस में भर्ती हुए, तब शेखावत सीएम थे। वे जोशी के पास नियमित अस्पताल जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछते। चिकित्सकों को निर्देश देते थे। एक बार जोशी ने शेखावत से कहा आपसे मिलना है, सीएमओ आजाऊं ? उन्होंने मना कर दिया, लेकिन अगले आधे घंटे में वे जोशी के घर पहुंच गए। जोशी ही नहीं उनके पूर्व सीएम मोहन लाल सुखाडिया सहित कांग्रेस के कई नेताओं से मधुर संबंध थे। इसका अर्थ ये नहीं था कि वे आपस में मिले हुए थे, जब भी संगठन की बात आती, शेखावत चट्टान की तरह उनके ख़िलाफ़ खड़े हो जाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे झालावाड़ भेजने के निर्णय में उनकी दूर दृष्टि थी। उन्हीं के कारण मुझे प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। वे कहते थे कि कठिन समय में व्यक्ति तप करके तो निखरता ही है, उसे अपने परायों की भी पहचान होती है।